चूम लेते हो मेरे, होंठों को शायरी बनकर... चूम लेते हो मेरे, होंठों को शायरी बनकर...
जब लिपटेंगे उनसे... जब लिपटेंगे उनसे...
उसे मैं बहुत पसंद था, और मुझे वो, बस फिर क्या था, हमारी बात चल पड़ी। उसे मैं बहुत पसंद था, और मुझे वो, बस फिर क्या था, हमारी बात चल पड़ी।
मेरे इतवारी चम्मच, अब रोज़ जूड़ा तुम ही बनाना ! मेरे इतवारी चम्मच, अब रोज़ जूड़ा तुम ही बनाना !
क्या यह डूबने का कोई इशारा था, प्रिये ! वो आलिंगन तुम्हारा था । क्या यह डूबने का कोई इशारा था, प्रिये ! वो आलिंगन तुम्हारा था ।
तेरा मुअज्जन इश्क़, मेरा सवाल रह गया ! तेरा मुअज्जन इश्क़, मेरा सवाल रह गया !